छत्तीसगढ़ / आयकर अफसरों ने कार्रवाई के लिए सीआरपीएफ के 200 कमांडो बुलवाए

रायपुर. राजधानी और राजनीति में खलबली मचा देने वाले आयकर छापों में कुछ बातें बिलकुल अलग रहीं, जिनकी दिनभर चर्चा हुई। ऐसा पहली बार हुआ जब आयकर अफसरों ने छापों के लिए रायपुर या लोकल पुलिस की मदद ही नहीं मांगी, बल्कि केंद्रीय फोर्स (सीआरपीएफ) के 200 कमांडो बाहर से बुलवाए गए। ऑटोमैटिक हथियारों और जंगल वर्दी से लैस इन्हीं जवानों ने हर परिसर और मकान को अपने घेरे में रखा। यहां तक कि स्थानीय आयकर अफसरों को भी छापे की भनक नहीं थी। पहली बार ही हुआ कि छापों में हुई जब्ती का ब्योरा एक-दो दिन में सीधे दिल्ली से दिया जाने वाला है।


ढेबर बंधुओं के आधा दर्जन परिसरों में जांच



महापौर एजाज ढेबर व उनके भाई अनवर के निवास स्थान बैरनबाजार को आयकर विभाग की टीमों ने बुधवार को सुबह 8 बजे जांच के घेरे में ले लिया। उस वक्त मेयर ढेबर शहर में सफाई का जायजा लेने के लिए निकले हुए थे। ढेबर प्लाजा और दूसरी छत्तीसगढ़ कालेज के पास निवास पर छापे की खबर फैलने से पहले ही विभाग ने अनवर का रियल एस्टेट और स्टील कारोबार के दफ्तर को भी घेर लिया। जेल रोड और शंकरनगर के होटलों में भी फोर्स के साथ अफसर तैनात हो गया। सूत्रों के अनुसार ढेबर परिवार के अाधा दर्जन परिसरों में जांच रातभर चली है और संकेत मिले हैं कि यहां भी कार्रवाई शनिवार को सुबह तक चल सकती है।  
 


पूर्व सीएस ढांड पर कार्रवाई की सर्वाधिक चर्चा



पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड के यहां पड़े छापे को इस श्रंृखला की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। आयकर की टीम ने पुराने पुलिस मुख्यालय से लगे उनके परिसर में जांच की। यह पुश्तैनी परिसर है और एक बहुमंजिला इमारत हाल ही में बनी है। ढांड रियल एस्टेट को रेगुलेट करनेवाले संस्थान रेरा के चेयरमैन भी हैं। वे छत्तीसगढ़ में चार साल तक मुख्य सचिव रहे और रायपुर के साइंस काॅलेज में पढ़े तथा वहीं पढ़ाते हुए अाईएएस में सलेक्ट हुए पहले अफसर हैं, इसलिए उनपर छापों की चर्चा सबसे ज्यादा रही। उनके साथ अायकर विभाग ने उनके सीए कमलेश जैन के ठिकानों पर भी छापा मार दिया है।